दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में Samsung India को एक महत्वपूर्ण राहत दी है। इस निर्णय ने कंपनी की ₹1,213 करोड़ के टैक्स मांग के खिलाफ की गई अपील को फिर से जीवित कर दिया है। यह मामला उस समय का है जब Income Tax Appellate Tribunal (ITAT) ने Samsung की याचिका को खारिज कर दिया था, जिससे कंपनी को एक बड़ा झटका लगा था।
दिल्ली उच्च न्यायालय की एक बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति विभु बखरू और न्यायमूर्ति स्वर्णा कांता शर्मा शामिल थे, ने Samsung की स्टे एप्लीकेशन को पुनर्स्थापित किया। अदालत ने ITAT को निर्देश दिया कि वह मामले को शीघ्रता से और उसके merits पर विचार करे।
ITAT ने 22 नवंबर को Samsung की याचिका को “अवस्थापना” बताते हुए खारिज कर दिया था। tribunal का कहना था कि Samsung ने उस समय टैक्स अधिकारियों द्वारा किसी भी तुरंत पुनर्प्राप्ति कार्रवाई का प्रदर्शन नहीं किया था, जब याचिका दायर की गई थी। इसके चलते, ITAT ने कंपनी की अपील को खारिज कर दिया।
इस निर्णय के बाद, Samsung ने मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में बढ़ाया, जहां अदालत ने उसके पक्ष में निर्णय सुनाया और tribunal के फैसले को रद्द कर दिया।
Samsung India का भारतीय अधिकारियों के साथ टैक्स विवादों का एक लंबा इतिहास है। 2023 में, Directorate of Revenue Intelligence (DRI) ने कंपनी को एक शो-कॉज नोटिस जारी किया, जिसमें कस्टम ड्यूटी के ₹1,728 करोड़ (लगभग $212 मिलियन) की चोरी का आरोप लगाया गया। DRI के अनुसार, Samsung ने नेटवर्किंग उपकरणों की एक श्रेणी में गलत वर्गीकरण किया, जिससे उसे कस्टम ड्यूटी में अनुचित छूट मिली।
इसके अलावा, Samsung को अपने Chennai फैक्ट्री में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जहां कर्मचारियों ने तीन दिनों से हड़ताल की हुई है। यह श्रमिक अशांति टेलीविज़न, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीनों के उत्पादन को प्रभावित कर रही है, जिससे कंपनी की चुनौतियाँ और बढ़ गई हैं।
Samsung की स्थिति केवल टैक्स समस्याओं तक सीमित नहीं है। कंपनी का भारतीय स्मार्टफोन बाजार में स्थान भी कमजोर हो गया है। एक समय में बाजार में अग्रणी रहने वाली Samsung अब मात्रा के हिसाब से तीसरे स्थान पर पहुँच गई है, जहाँ वह चीनी प्रतिस्पर्धियों Vivo और Xiaomi से पीछे है। अनुसंधान संस्थान Counterpoint और Canalys के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में Samsung का बाजार हिस्सेदारी क्रमशः 18% और 17% है, जबकि Xiaomi और Vivo का हिस्सा लगभग 19% है।
Samsung India के लिए यह नए न्यायिक निर्णय का मतलब यह है कि कंपनी को अपने टैक्स मामलों में राहत मिल सकती है। हालाँकि, उसे अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना है, जिसमें श्रमिक अशांति और बाजार में प्रतिस्पर्धा शामिल है। भविष्य में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या Samsung अपनी स्थिति को सुधारने में सफल हो पाती है या नहीं।
1. Samsung India को कौन सी टैक्स मांग का सामना करना पड़ा?
Samsung India को ₹1,213 करोड़ का टैक्स मांग का सामना करना पड़ा था, जिसे ITAT ने पहले खारिज कर दिया था।
2. दिल्ली उच्च न्यायालय ने Samsung के मामले में क्या निर्णय लिया?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने Samsung की स्टे एप्लीकेशन को पुनर्स्थापित किया और ITAT को मामले पर शीघ्रता से विचार करने का निर्देश दिया।
3. ITAT ने Samsung की याचिका को क्यों खारिज किया?
ITAT ने Samsung की याचिका को “अवस्थापना” बताते हुए खारिज किया, यह कहते हुए कि कंपनी ने पुनर्प्राप्ति कार्रवाई का प्रदर्शन नहीं किया था।
4. DRI ने Samsung के खिलाफ क्या आरोप लगाया?
DRI ने Samsung पर कस्टम ड्यूटी में ₹1,728 करोड़ की चोरी का आरोप लगाया है।
5. Samsung के Chennai फैक्ट्री में क्या हो रहा है?
Samsung के Chennai फैक्ट्री में श्रमिकों ने हड़ताल की हुई है, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ है।
6. Samsung का भारतीय स्मार्टफोन बाजार में स्थान क्या है?
Samsung अब मात्रा के हिसाब से तीसरे स्थान पर है, जबकि Vivo और Xiaomi पहले और दूसरे स्थान पर हैं।
7. Samsung की बाजार हिस्सेदारी क्या है?
Samsung का बाजार हिस्सेदारी अप्रैल-जून तिमाही में 18% और 17% है।
8. Samsung के लिए यह निर्णय का क्या मतलब है?
यह निर्णय Samsung को टैक्स मामलों में राहत प्रदान कर सकता है, लेकिन कंपनी को अन्य चुनौतियों का सामना भी करना है।
9. क्या Samsung ने पहले भी टैक्स विवादों का सामना किया है?
हाँ, Samsung को भारतीय अधिकारियों के साथ टैक्स विवादों का लंबा इतिहास है।
10. Samsung का भविष्य क्या हो सकता है?
भविष्य में, Samsung को अपनी स्थिति सुधारने के लिए प्रयास करने होंगे, खासकर श्रमिकों की हड़ताल और बाजार में प्रतिस्पर्धा के बीच।
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